1- तू आना कभी मेरे गली तुझे मै कविता सुना दूगा
गुड ना सही कम से कम कुये का ठंडा पानी पिला दूगा
आने से पहले जरा अपना पता पक्षियों से भिजवा देना
ताकि मै तेरे चरणों की बन्दन और सेवा में खुद को लगा लूगा
2- पक्षियों से ना सही हवाओ से पाती जरुर भिजवा देना
पाती ना सही कम कम से घटाओ का बहार भिजवा देना
आसार मुझे दिखेगी तो हर गलियों के नुक्कड़ को साफ कर दूगा
तू आना जरुर भूल से भुला तो समझाना है खुद अपने को भुला लेना
3- तुझे मेरी ये गलिया रास आयेगी मुझे विश्वास है ये तुझेको भायेगी
मै सचमुच जनता हू तुझे भी मुझे देखे बिना चैन न आयेगी
फिर भी मै बस अपने गली का मालिक हू
तो भी तेरा क्या पता फिर भी मेरे प्रेम तुझे खीच लायेगी
4- ऐसा नहीं की सिर्फ मै तेरे प्रेम में विह्वल हू
मेरे साथ ये छोटे छोटे शब्दों से बने मेरी कविता भी आतुर है
और भी कुछ है जो न मै दिखा सकता हू न बता सकता हू
यु समझ ले तू तेरे दर्शन के लिये मेरे रोम रोम व्याकुल है
5- तेरे लिए ही मै हर रोज अखियाँ बिछाये करता हू
हर घर के कोने कोने में बुहार लगाया करता हू
अब भी अगर तुझे लगता है मुझे फ़िक्र नही है तेरी
तो समझना की मै सचमुच अपनी कब्र निहारा करता हू
6-तेरे ही याद में मेरे सुध बुध खोये रहते है
कही न कही तेरे वियोग में मै हर रोज आहे भरा करता हू
मेरी हालत तो अब सूखी दरिया की भाति हो गयी है
फिर भी हर क्षण हर रोज तेरी रहे निहारा करता हू
7- तुझे कुछ सुनना होगा तो बदलो के बूदो से कुछ गीत सुना देना
अब तो कुछ दिन ही बचे है इंतजार के अब भी दया दिखा देना
आना होगा तो तू हकीकत में आना सपननो में नहीं
तू आना या ना आना अपने दिल की आवाज ही सुना देना
मास्टर मुकेश
