हे प्रभु


 ऐ मालिक बस तेरी रजा रहे ये हवा ये फिजा रहे 

तेरे इस कायनात में मुझे हर घडी मजा रहे 

हो मस्त होकर मै चलू हर लडियो का ऐहसास लू 

जुस्तजू हो जिंदगी बस ऐसे ही लगा रहूँ 

मै क्या हू क्या कर पाउगा बस अकड़कर रह जाऊंगा 

तेरी जो रजा रही तब तो सवर जाऊगा 

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तुम्ही तुम हो नजर में जिगर में हर घटा हर मंजर में 

अब ना मै हू ना मेरी आरजू बस तेरी बंदगी हर डगर में 

सोचा तुम्हारी अमानत को दिखा दू तुम्हारे नजरो के सामने 

लौटना तो था ही कस्ती मुझे तेरे इसी आशियान  में 

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खुद कुछ करना है तो अपनी करनी किये जा 

राम जाने का करे पर राम नाम हिय में लिये जा 

होनी ही सब होत है पागल मन अकुलाये 

आपन करम धरम सबही  के उलझन में जियरा ना  रह जाये 

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