हम अनाथ है


                                                                      
      है अनाथ हम बस फरियाद किये जाते है 
      हमारी हर एक आवाज को कफन दिये जाते है 
1   लाखो लोगो की आवाज को बस  गुमराह किये जाते है 
     बधी  रहे हौसलो की पैगाम दिए जाते  है 
     जिल्लत की जिंदगी हर कोई एक आस पर जिये जाते है 
     सूरज निकलेगा अँधेरा छटेगा सोचकर आँसू पिये जाते है 
2   है खौफनाक भयानक यह बीमारी  सभी को खां जायेगी
     भूल गये अगर अपने अतीत को तो बड़ा पछतावा आयेगी
    क्योकि वर्तमान अतीत की गोद से निकल कर आयी है 
     अगर अतीत न रहा तो वर्तमान पनप न पायेगी 
3  सो गये जो लोग अब उन्हें जगाना है 
    माँ के दूध और आचल का कसम उन्हें दिलाना है 
    कौन अपने लिये जीता है सोचकर बताओ हमें 
     अगर जरा देर हुयी तो अब आदर्शो को गवाना है 
4   खेत और खलिहान में अब कोयल फ़िके  राग सुनते है 
     बेरंग -बेनूर धरती हुई अब पौधे भी मेवा चुराते है 
    तीस व् पैतीस बित चुके अब तक समझ न आते है 
    भारत हमी भविष्य हमी सोचकर नीर बहाते है 
5   इस देश की बागडोर अब रस्को को थमाना है 
    बहुत हो गयी बात विवाद अब उनको समझाना है 
    देश है अब संकट में जन -जन को सन्देश पिठाना है 
    नीर हमने बहुत बहाई बस यारो लहू बहाना है 

                        रस्क =मसीहा                                                           मास्टर मुकेश 

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