कर्मवीर बनो



1 धर्मराज है हम वीर भी बने रहे 

हौसला है मान की घमंड पर्वत सी रहे 

असर अभी जो दिख रही प्रभाव बस तनी रहे 

मुबारक हो ये शाम आगाज जिंदगी रहे 

2 हर मुश्किल आसान होगी जिद बस बनी रहे 

नादान ना हम बने बस दिल को आवाज करे 

लब्ज जो जुबा बनी उसी को बस सम्भाल दे 

आसमान सी झलक रग में बस बिठा ले 

3 तस्वीर जो बनी जिगर में उसी को  बस उतार ले 

धरणी जो खुदा की हो उसी को उसी को बस निहार ले 

दुखी हम नही हो बस मन से यह निकाल दे 

राम नानक कबीर हो तुम बस अपने को सवार ले 

4 अकेले तुम नही हो बस जरा तू ध्यान दे 

आग जो दबी सभी की उसी को बस उभर दे 

आओ हम सब मिलकर देश को नयी पहचान दे 

अधर्म को छोड़ कर सिर्फ व सिर्फ परम सत्य को ही पनाह दे 


धरणी =पृथ्वी ,भूमि  

        

      मास्टर मुकेश 

                          

                             


एक टिप्पणी भेजें

और नया पुराने