1- ये मुश्किले न होते तो ये इरादे न होते
जो साथ लेकर चलते हो ये कायदे भी न होते
तू उठ और निकल जा जिधर तुम्हे जाना है
क्योकि इस दरिया को पार न करना होता तो
किसी ने ये काठ के नौके गढ़ाए न होते
2- इन काटो पर चलना सिख ले तो बाकी क्या रह जाये
बेफिक्र सब मर्ज की दावा मिल जाये
पार बहुतो ने किया ये आग की दरिया
कोई एक हो तो बताये ऐसे हम कितने को गिनाये
3- नीव हमारी मजबूत है क्योकि हममे एक प्यास है
अमन का पाठ हमने पढ़ाया इसलिए हम बिख्यात है
तू नजर उठा कर जरा होश में देख चारो तरफ
जिसने भी जो चाहा उसको सच में प्राप्त है
4- निकल चल तू कर गुजर चल तू
उस सितारों के पार चल तू
अपनी आरजू को इतना बड़ा कर ले की उसमे समुंदर भी समां जाये
गर्दिशे है पर मिलेगा जरुर बस अपने आप पर एक नजर कर ले तू
5- एक जंजीर की मजबूती उसकी एक कमजोर कड़ी है
देखो जरा तुम गौर से मंजिल भी बेताब पड़ी है
एक कोरे कागज और एक कलम से
सुनहरे अक्षरों में इतिहास लिखने को समय भी खड़ी है
6- डर कर जियोगे वेमौत मारे जाओगे
सत्साहस के साथ संघर्ष करोगे सफल हो जाओगे
व्यर्थ सोचने से अपने को कोशने से कुछ नही मिलेगा
जिस दिन से शुरुआत करोगे सफलता एक कदम दूर पाओगे
मास्टर मुकेश
