प्रहरी को सलाम



1- सत् सत् तुझे प्रणाम है तुझपे ही मुझे गुमान है 

तेरे ही आँचल के छाँव में हू इसका मुझे ऐहतराम है 

2- उन शहादत बनी चितावो को हम गवारा न बनने देगे 

उनकी हर एक पैगाम को हर दिलो में पहुचा देगे 

3- किस माँ के दूध का कर्ज तुमने उतरा है 

हर जनम में तेरा बेटा बनू मरने से पहले पुकारा है 

4- मान सम्मान के खातिर गर्दन को झुकने न दिया 

और बढ़ते हुए कदम को तूने पहाड़ो के आगे रुकने न दिया 

5- इस देश की खातिर तुमने अपने घर बार को छोड़ दिया 

सर पर बाध तिरंगा हर बार तुमने मौत को दावत दिया 

6- तू धन्य तेरी जवानी धन्य ऐसे ही कितने वीरो की कहानी धन्य 

तू प्रहरी मै क्या आस यही की एक दिन तुझे परोसू अपने हाथो से अन्न 

7- तेरे ऐहसान तले मेरे ये कलम न चलते है 

सम्मान में कैसा शब्द अभिव्यक्त करू कुछ प्रतीत न होते है 

8- तुझे देने के लिए कुछ है तो नहीं बस दुआ करुगा दिल से 

ये शब्द है इसे तुम फूलो का हार समझाना मेरी तरफ से 

9- इससे ज्यादा मै क्या कर सकता हू क्या कर पाऊगा 

जो भी मुझसे हो सकेगा तेरे लिए मै हद से गुजर जाऊगा 

10- बस यह जान लेना तू प्रारब्ध बस अगर मै वह खुदा भी हो जाऊगा 

तो भी तेरे चरणों की धूलि अपने माथे पर लगऊगा 


मास्टर मुकेश 

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