देश करे पुकार



1- दुखो का ये मंजर है लगता है जैसे एक समुन्दर  है 

आधी तूफ़ान उफान एक दो घडी की होती है 

लेकिन मै शदियों से देख रहा हूँ ये ऐसे ही पड़ा है 

2-क्या यह वही जगह है जहा कभी हरिश्चन्द्र हुआ करते थे 

या यह वह जगह है जहा शादियों पहले बुद्ध और महावीर हुए 

ये सब झूठे है या हम सब सत्य की परिभाषा भूले है 

3- इनकी बात छोडो ये ठहरे पुराने यारो 

कोई रानी लक्ष्मी भी थी जिसको हमने सुना यारो 

थी एक जीजाबाई जिसने हरी कुछ भवबाधा यारो 

4- कुछ हमने भी देखे है देश पर जान देने वाले यारो 

देश के आन मान की खातीर गर्दन को कटने दिया भायो

कितना नाम गिनाऊ मै किसका नाम छुपाऊ भायो 

5- धर्मो की बात मुझसे [भारत ]सीखो जो धारण करता सबको 

ना कोई रोष ना कोई द्वेष प्रीत की नजर से देखू सबको 

नदिया पहाड़ झरने क्या सुकून नहीं देते मन को 

6- सबकी बात छोडो मानवता की एक बात सही रंजिस की एक रात सही 

रंजिस में क्या नहीं खोया तुमने हर एक अजीज पर रोया तुमने 

एक हाथ अपने दिल पर रख के पूछ क्या कभी नहीं रोया तुमने 

7- सोचो क्या नहीं दिया हर मुश्किल से लोहा लिया 

मोहब्बत को हमने शादियों से देखा मोहब्बत को ही अपना लिया 

कुछ वक्त क्या बीता लोग तो अपने अतीत को भी पचा लिया 

8-मेरे भी हुए  कुछ अच्छे साथी  निभाई भी बेहतर यारी 

हर आये हुए आच को दो कदम पहले ही लिया 

जो कर सकते थे हर संम्भव प्रयत्न उन्होंने देश के लिए किया 

9- ये भारत नही रत्नों की भंडार है शादियों से इसकी पहचान है 

हर सोये व्यक्ति को ये जगाये अपना दुखड़ा किसे सुनाये  

आशा के बीज को लेकर ये न जाने कितने शादियों से परेशान  है 

10- अपना सर्वस्य तेरे लिए ही हूँ तेरे लिए मै

बात बात में ना करो नादानी ना करो दिल तोड़ने की बात 

इसके ह्रदय को समझो देश करे पुकार बटवारे की ना करो बात 


       मास्टर मुकेश 

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