चलना है मुझे चलना है मिलो मुझे चलना
1- चलता है सुर्य जैसे अपने साथ किरन लेकर
नभ मण्डल में तरंग लेकर अपने साथ नव प्रचंड लेकर
जैसे रोज नया पाठ पढ़ता मंद मंद बढ़ता जाता
नव विहंग सब कैसे इतराते इसको देख सब झूमते गाते
चलना है मुझे चलना है मिलो मुझे चलना
2- चलती है जैसे नदिया अपने साथ प्रवाह लेकर
धीरे चले या होले चले अपने साथ अपने साथ शीतल मंद मुस्कान लिये
चल रही कई वर्षो से जैसे सागर से मिलन न हुयी हो कई जन्मो से
नदियों की एक आस है जैसे सागर उनका प्यास है
चलना है मुझे चलना है मिलो मुझे चलना
3- चलते है जैसे प्रेम के पथिक अपने साथ दो बात लिए
त्याग और बलिदान के शिवा ये कुछ न जाने
मस्ती में झूमते गाते और प्रेम की भाषा सबको सिखलाते
प्रेम के डोर में बधे धरती चाँद सितारे चले आ रहे शादियो से
चलना है मुझे चलना है मिलो मुझे चलना
4-भटक रहे है हम इधर -उधर आशा की विश्वास लेकर
तड़प रहे हम कई जन्मो से नदियो सी प्यास लेकर
जीवन को हम सुखत सुन्दर और स्वच्छ बनाये
आओ हम मिलकर चले साथ में यह संसार लेकर
चलना है मुझे चलना है मिलो मुझे चलना
मास्टर मुकेश
