हर रात लम्बी होती है


 1- गर पाने की चाहत हो तो हर एक उम्र ही काफी होती है 

परवाने के साथ ही खुदा की मेहरबानिया होती है 

मुर्दों से क्या पूछते हो पशुओ को क्या समझाते हो 

सच तो यही है की चलने के लिये हर रात लम्बी होती है 

2-सोने वाले को रात की गहराई का क्या पता 

मस्त जो भी है  जैसे भी है आखिर उसकी क्या खता 

पर सच तो ये नहीं की पीछा छुडाये अपने आप से 

क्योकि हकीकत खुद के ऊम्र से ज्यादा लम्बी होती है 

3-जिसे तुम रात समझते हो वो सच बया करती है 

खुद के लिये एक सच भरी अनोखी पैगाम दिया करती है 

बस फर्क है तो अधियारो को समझाने की 

क्योकि दिन के उजाले में व्यर्थ बात लम्बी होती है 

4किसी को फुर्सत कहा मिलाती एक आसू बहाने से 

सामना करने के बजाय लोग नजरे छुपाते है ज़माने से 

आखिर कब तक छुपना एक ही बात ही खाती है 

क्योकि बोझ भरी हर एक रह लम्बी होती है 

5-कोई रातो में ही अपनी खोज करता 

कोई रातो में ही अपने भीग में रमता 

इस स्वप्न भरी दुनिया की हर एक बात थोथी होती है 

क्योकि सूरज निकलने से पहले हर एक रत लम्बी होती है 

6-दिलशा हम आइनों के आगे खड़ा होकर न जाने किसे दिलाते है 

उल्फत में ही पड़ी चीजो से न जाने क्यू दिल लगते है 

जिनदगी भर हम साफ़ करते है सिर्फ व् सिर्फ आइना 

सच तो ये है की चहरे पर धूल की एक लम्बी कतार होती है 

7-न जाने कई ऐसे कितने रात खाक में मिल गये 

जो किस्मत लेकर चलते थे वो रुस्तम माटी में मिल गये 

मुझे न मिटने का गम न ही डरकिसी रात से होती है 

बस तेरे बिन किसी कहानी की आगाज लम्बी नहीं होती है 

8-तेरे एक दूर जाने से कई गम पास आ बैठे 

जिन्दा तो है सबकी नजरो में पर मेरी सांस न लौटे 

कही हम टूट न जाये बस यही कसक व् बेबसी होती है 

जीने के लिये सच में तेरे साथ एक रात लम्बी होती है 

9-उस घडी का अब हमें इंतजार है 

बस तेरे लिये हर क्षण मेरा दिल बेकरार है 

चेहरे तो हसते है पर कोई एक रोता है 

सूख गये आसू हर घडी इसकी बरसात लम्बी होती है 

10-अब तो हर घड़ी एक युग लग रहा है 

तेरे वियोग में कुछ भी नहीं सूझ रहा है 

मेरी चाहत नहीं मेरी आरजू है बस तेरे एक नजर की 

क्योकि तेरे क्षण भर के प्रेम में ऐहसास लम्बी होती है 

 

मास्टर मुकेश

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