हाल दिल खुद से कहू


 1-कभी मै खुद के लिये अच्छा काम करता हू 

उलझन में खुद को समझाने का प्रयास करता हू 

तर्क उल्फत समझ जाता हू खुद के समझाने से 

इसलिये खुद को सजदे सलाम करता करता हू 

2- कभी मै हाल दिल दिल खुद से बयान करता हू 

तगाजा करने के बाद खुद से सवाल करता हू 

थोडा गम भी थोड़ी ख़ुशी भी यही लगा है यारो 

इसलिये हर महफ़िल में झूमने का काम करता हू 

3 -जाता हू है गली में इससे खुद की क्या खता 

थोडा पिता हू या नहीं यह भी मुझको नहीं पता 

खुद से शिकायत यही ये दिवानगी कैसी 

ऐ दिल तू ही अब इस मदहोशी का कोई राज बता 

4- गुस्ताखी माफ़ हो क्युकी करने जा रहा हू खता 

दिवानगी जाना नहीं न जानता हू दिवानगी का पता 

ऐ दिल कुछ तो है दिवानगी तू भी मुझपे हसले सही 

क्योकि मुझे तो हसती  हई नजरआती हर सुखी लता 

5- सुन तू तेरे धक धक की आवाज से थक गया हू मै 

कितना सुनू सुन सुन के एकदम पक गया हू मै 

कोई दवा बता दे या किसी गुमनाम गली का पता बता दे 

ऐ दिल कुछ तो कर क्योकि हर गली से तंग आ गया हू मै 

6- डगर चलता हू तो लड़खड़ाते मेरे अपने पैर 

नजर जो ढूढता चैन वह नजर नहीं आता रैन 

अब तू ही बता कहाँ जाऊ किससे आस लगाऊ 

न जुस्तजू न बंदगी ये दिन रत कैसे बिताऊ 

7- क्या है हाल मै बताऊ तुझसे कैसे 

तू तो सब कुछ जानता तुझसे भला छिपाऊ कैसे 

मेरी नजरो में बहार है या खुद से मुझको प्यार है 

ऐ दिल अब तू ही बता इस सपने में सपने कैसे 

8- सुन तू मुझ दीवाने का कभी विश्वास न करना 

दीवाना सपने में कभी आहे नहीं भरता 

मै दिखवा करता हू सिर्फ पिने के लिये 

मुझ जैसा मयखाने के सिवा कुछ परवाह नहीं करता 

9- ऐ दिल ये खुद की बात है हमेशा खुद से करना 

कभी भी भूल से किसी और से न कहना 

सब हँसेगे तुझपे मै भी हस दुगा तुझपे 

क्योकि हमारे बात की परवाह कौन करता 

10- सुन जिंदगी की राह उल्फत भरी है 

गम की आधी तुफा सभी पीछे पड़ी है 

कही ऐसे ही नहीं मिलता हर जगह जाम 

उसके लिये गुमनाम मयकदे मयखाने बनी है 

11- ऐ दिल कभी हाल बेहाल लगता है 

हाँसिये पर टंगी हुयी मेरा जान लगता है 

न जाने क्यू जाम दूर नजर आता मुझे 

इसलिये मोहब्बत भी कभी गुलफाम  लगता है 

12-ऐ दिल तू भला नहीं अभागा ही सही 

जाम न मिले मयकदे मयखाने का नाम सही 

कम नहीं मयखाने दीवाने सामने तेरे 

आज न मिले जाम चल दो रात बात सही 

13-ऐ दिल आब निराश कभी न होना तू 

पिने वाले को मय छलकाते हुये देखा तू 

कोई मिल जाये कब किस घडी में तुझसे 

तब जी लगाकर पीना बस आखिया बिछाए रखना तू 

14- सुन तू हकीकत ये भी जान ले 

सब ऐसे ही पिते ये भी सच जान ले 

ऐ दिल बात मान व्यर्थ चेष्टा छोड़   

मयखाने है ही पिने के लिये ये भी तू मान ले 

15-ऐ दिल तू धन्य है एक बार सोच कर देख ले 

तुझे जो मिले सौगात वह हस के लेले 

सबको नहीं मिलते पिने वाले पिलाने वाले 

सब कुछ छोड़ तू बस इन्ही के साथ होल 


मास्टर मुकेश

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