1-आ हम दोनों गुमनाम में कही खो जाऊ
उल्फत के इस जर्रे जमी का हो जाऊ
अब तो शरद के चांदनी में हिमगिरी पिघलती है
एक नयी दुनिया बसा के बस तेरा ही हो जाऊ
2- तुझे देखकर मुह से न निकले कोई भोली बानी
ऐसे बस देखता रहू तुझे चाहे आ जाये मौत दीवानी
इंतजार कम न था बेकरार कम न था
दरिया को देखकर प्यास क्यामिटाएगी बंद बोतल का पानी
3- दामन तू पकडे या मै हमेशा तेरा ही बन कर रहूगा
तेरे ही शक्ल सूरत को जिगर में आहिस्ते से गहूगा
मेरे अश्क अंगारा भी तेरे सांसो की मोहताज है
इन आखो का काया ये रहे या न रहे पर तेरा ही दीदार करुगा
4- नाफहमी है अपनी खुद पर पर्दा भी है
बहाने कम है क्या की आसमां में गर्दा भी है
नजरो की नजरिया जो बदल दिया तो
एकतेरे व् मेरे शिवा कोई वर्ना भी है
5-बारिश बिन मोरनाचे बोले पावस बिन पपीहा
हर गली गीत बजे गोरी पनघट पानी लीना
बावरो मो भयों या सनम तू बावरो मुझ किना
इश्क व् अंगारा बिसर गये सब जब गुल खिले हिना
6- तुझे सजदा कर लू या तुझे पलकों में बसाऊ
तुझे भर लू बाहो में या तेरे आगोस में खो जाऊ
तू पलको में नजर आये तू ही सजदा में समा जाये
सनम तुझसे एक गुजारिस तेरी गुजारिस ही हो जाऊ
7- सच तू मेरी इबादत हो बस तुझे देखने की चाहत हो
मै बुल बनू तू मेरी चचआहट कुछ ऐसी हमारी कहावत हो
शदिया गुजरे हम ना बदले ना बदले हमारी प्रीत
ऐ हवा प्रेम रंग बिखे सुना दे सबको हमारी प्रीत
मास्टर मुकेश
