1-सोच सोच कर एक सोच बदल दिया
ये क्या एक पिछली सोच को दबा दिया
अब क्या अब क्या ऐ मेरे हम हमी
कौन बताये मै तब सही या अब यही फरियाद किया
2- एक जिक्र मै आँज खुद से किया
जो तुम देख रहे हो वही काम मै किया
तो मै क्या करता तो मै क्या करता
तू ही बता मेरे हम हमी कुछ गलत तो न किया
3-अब न जीने की चाह है न मरने की रार है
देखा भी न जाता कुछ फेका भी न जाता
कैसे कहे ये रात या सुबह अपना होगा
ना कुछ सपना होगा या मेरे कहने से अपना होगा
4- आँज न जाने मै किस राह पर हू
जमी पर होने के बावजूद आसमां निहारता हू
न यहाँ दो राहे है न कोई राह है
खुद ठहरने के बावजूद फिर भी बेक़रार हू
5- मै तन्हा तो नहीं किसकी तन्हाई मुझे छूती है
दुःख विषाद देख देख न जाने धड़कने क्यू रुकी है
खुद क्या करू अब करने को कुछ बचा
फिर भी पलके झपती भी नहीं जाने नयने किसपे टिकी है
6- क्या कुछ कर दू पर मेरे पास कुछ करने को हो भी
तुझसे मै क्या भर लू जो तेरे पास कुछ हो भी
ये कुछ मै हू या मै ऐसा हो रहा हू
था तो मै किसी भीड़ में लगता है अब खो रहा हू
7 - बच बचा के मै चला तो आया कुछ न किया
लेकिन रास्ते भर मैंने न जाने क्यू आंसू ही पिया
ता उम्र जिनके लिये फरियाद करता था
आँज उन्ही को छोड़ दिया
सच में सच में मैंने आँज ये क्या कर दिया
मास्टर मुकेश
