कुछ करना सिखाये


 1- आओ तुम्हे जीना सिखाये 

आँखों से जाम पीना सिखाये 

क्या है ऐसा जमी पर जो बचा तुझसे 

हस हस के सच में मरना सिखाये 

2- रह रह कर हर खामोशी तुमसे सवाल करेगी 

सुबह शाम हर वक्त काल अपना कम करेगी 

जैसे तैसे सब हो ही जाता है खुद के अंत तक 

पर क्या पाया क्या खोया ये सबब बवाल करेगी 

3- इन सासों को तो देख कैसी आनी जानी है 

है सब तुझसे कहाँ जुदा बस उलझन में कहानी है 

एक न मेरा यहाँ कोई एक न तेरा यहाँ कोई 

ये जिस्म भी अपना नही फिर क्यों लाग लगनी है

4- है कौन तू कहाँ से किसलिये आया है 

कम न किया जो किया फिर भी क्या पाया है 

है परदेश में परदेशी ऐसा तू जान ले 

ये सुन्दर बगियाँ ही तुझको भरमाया है 

5- एक बार आखें बंद करके सच को तू जान 

क्या हकिकत है कुछ कर के तू भान 

बाकी दुनिया है दुनिया की अपनी बसूले है 

तुझे छेड़ना तुझे सताना बस दुनिया का है यही काम 

6- अपने तो डूबे  है इसी से निहाल है

तुझे ज्ञान सिखायेगे बस यही धरम का काम है 

सबके धरम करम के ज्ञानी पोथी झोली ले बैठे है 

दुकान खुले ही है बस ढाई आखर वाला नाम है


मास्टर मुकेश

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