आओ हम शपथ ले कि हम दुनिया बदलकर दिखलायेगे
1 बहते हुए उस हवा के रूप को मोड़ लायेगे
बहती हुयी उस नदी की धारा को मोड़ लायेगे
चलते हुए उस राही के मन को मोह लायेगे
आओ हम शपथ ले ------------
2 तुम साथ दो मेरा तो चाद तारो को भी लायेगे
उस पहाड़ की तरह दृढ़ आदर्श बनकर दिखायेगे
अपनी प्रेम की शक्ति से हम दुनिया को सजाकर दिखायेगे
आओ हम शपथ ले -----------------
3 सीखा है यह आदर्श जिससे उसे कभी भूल न पायेगे
उस फूल की तरह हम भी सारे जहा को महककर दिखायेगे
हम भी राम कृष्ण महावीर बनकर दिखायेगे
आओ हम शपथ ले ----------------
मास्टर मुकेश

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