बालक की आरजू



1- इन छोटे छोटे हाथ पाँव के यही  है आरजू      

  ऊपर से छोटे बड़े खिलौनो को कोई रख डे मेरे बाजू 

कोई चाँद लाये कोई तारा लाये 

तब मै जी लगाकर इनसे खेलू 

2- माँ मुझे ना चाहिए ढूध ना चाहिए काजू 

एक मुझे झुला चाहिए जिस पर मै झूलु 

राजु गोपाल को लेकर मै चाँद पर जाऊ 

इसलिए मुझे छुक छुक करती हुयी ट्रेन चाहिए आजू 

3- आज मेरा खिलौना आया नहीं 

मैंने दूध रोटी खाया नहीं 

मै किसी का बाबु नहीं 

आज से किसी का राजु  नहीं 

4- उदास बैठा हू मै हताश बैठा हू मै 

इन छोटे छोटे हाथ पाव को धरे बैठा हू 

काश मै झट बड़ा हो जाऊ 

ऐसा सपना सजाये बैठा हू मै 


मास्टर मुकेश 


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